DA Hike News: जनवरी 2026 से कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी, 8वें वेतन आयोग पर बड़ा अपडेट

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DA Hike News: बढ़ती महंगाई और स्थिर वेतन के बीच केंद्र सरकार के कर्मचारी महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को ही सबसे बड़ी राहत मानते हैं। सरकार हर छह महीने में इसे संशोधित करती है ताकि कर्मचारियों की सैलरी बाजार में बढ़ती कीमतों के अनुरूप बनी रहे। अब यह भत्ता सिर्फ तात्कालिक राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि 2026 से लागू होने वाले संभावित 8वें वेतन आयोग की आधारशिला भी बन सकता है।

जुलाई 2025 के AICPI-IW आंकड़े ने बढ़ाई उम्मीदें

हाल ही में जारी जुलाई 2025 के अखिल भारतीय औद्योगिक श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आंकड़े इस दिशा में संकेत दे रहे हैं। इंडेक्स 1.5 अंक की बढ़त के साथ 146.5 पर पहुंच गया है। यही सूचकांक न केवल अगली डीए वृद्धि को तय करेगा, बल्कि 8वें वेतन आयोग के फॉर्मूले के लिए भी महत्वपूर्ण आधार बन सकता है।

विशेषज्ञों का कहना

वित्तीय मामलों के जानकार एच.एस. तिवारी का कहना है कि यह आंकड़ा केवल डीए बढ़ोतरी का संकेत नहीं देता, बल्कि इससे फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन भी तय हो सकता है, जैसा कि 2016 में 7वें वेतन आयोग के समय हुआ था।

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और क्यों अहम है?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) है, जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा कर नई बेसिक सैलरी तय होती है।

7वें वेतन आयोग में यह 2.57 निर्धारित था। इसका मतलब हुआ कि पुराने बेसिक पे और डीए को जोड़कर कुल सैलरी में लगभग 14.2% की बढ़ोतरी हुई।

यदि 8वें वेतन आयोग में एआईसीपीआई-आईडब्ल्यू के आधार पर डीए की दरें अधिक होती हैं, तो फिटमेंट फैक्टर भी बड़ा हो सकता है। इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी बढ़ोतरी संभव हो जाएगी।

AICPI-IW कैसे जोड़ता है नए वेतन आयोग को

जुलाई 2025 का इंडेक्स 146.5 है, जो जनवरी 2026 से लागू होने वाले डीए को प्रभावित करेगा। इसी आधार पर वेतन आयोग की रिपोर्ट में नया फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा। महत्वपूर्ण यह है कि नया वेतन आयोग लागू होते ही डीए की दर शून्य (0%) से शुरू होती है, लेकिन मौजूदा डेटा नए वेतन फॉर्मूले के लिए आधार बनता है।

सरकार की तैयारियां

फिलहाल सरकार ने 8वें वेतन आयोग के ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ या उसके अध्यक्ष की नियुक्ति का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। इस कारण रिपोर्ट और सिफारिशों के आने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय और लेबर ब्यूरो के स्तर पर तैयारी अंदरखाने जारी बताई जा रही है।

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