Land Registry New Rule: भारत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री से जुड़े पुराने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए Registration Bill, 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। यह नया कानून 1908 के Registration Act को पूरी तरह बदल देगा। इसका मकसद पूरे देश में एक आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी पंजीकरण प्रणाली लागू करना है। सरकार ने इसे “One Nation, One Registry” की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
घर बैठे करें जमीन की रजिस्ट्री
नए नियमों के तहत अब लोगों को तहसील या रजिस्ट्रार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। पूरा प्रोसेस ऑनलाइन पंजीकरण के जरिए होगा।
लोग घर बैठे ही दस्तावेज अपलोड, सत्यापन और फीस भुगतान कर सकेंगे।
पंजीकरण पूरा होते ही आवेदकों को डिजिटल सिग्नेचर और डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी।
इससे समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी।
किन दस्तावेजों की होगी अनिवार्य रजिस्ट्री
नए बिल के मुताबिक सिर्फ सेल डीड ही नहीं, बल्कि कई अहम दस्तावेजों को भी अब अनिवार्य रूप से रजिस्टर कराना होगा। इनमें शामिल हैं –
Agreement to Sell
Power of Attorney
Sale Certificate
Equitable Mortgage
न्यायिक आदेश (Judicial Orders)
इससे जमीन और संपत्ति लेन-देन से जुड़े विवादों पर रोक लगेगी।
आधार-बायोमेट्रिक से होगी पहचान
पहचान सत्यापन प्रणाली को और मज़बूत करने के लिए अब आधार-बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू किया जाएगा।
इससे फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे अन्य पहचान पत्र भी विकल्प के तौर पर मान्य होंगे, लेकिन आधार को प्राथमिकता दी जाएगी।
वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल भुगतान होगा ज़रूरी
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए नियम में वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। विवाद या धोखाधड़ी की स्थिति में यह मजबूत डिजिटल सबूत का काम करेगा।
सभी तरह की फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान केवल डिजिटल माध्यमों (UPI, नेट-बैंकिंग, कार्ड) से ही किया जा सकेगा।
इससे नकद लेन-देन और भ्रष्टाचार पर सख्त रोक लगेगी।
कब से लागू होगा नया कानून?
सरकार ने इस ड्राफ्ट बिल पर जनता से सुझाव 25 जून 2025 तक मांगे हैं।
संभावना है कि यह बिल संसद के मानसून सत्र (जुलाई-अगस्त 2025) में पेश किया जाएगा।
अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो यह नया कानून 2025 के अंत तक लागू हो जाएगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने दिसंबर 2025 तक पूरे देश में भूमि रिकॉर्ड का 100% डिजिटलीकरण करने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल इसमें उत्तर-पूर्वी राज्यों और लद्दाख को शामिल नहीं किया गया है।
क्या होंगे बड़े फायदे?
धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर रोक
समय और खर्च में बचत
पारदर्शी और आसान प्रक्रिया
नागरिकों को घर बैठे सुविधा